How To Use

"दिव्यआरोग्य - किट" में कई बहुमूल्य औषोधियों का समावेश है| "दिव्यआरोग्य - किट" हमारी संस्था के वैधों, आयुर्वेदाचार्यों व आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की कई सालों के रिसर्च का परिणाम है| "दिव्यआरोग्य -किट" में निम्नांकित दिव्य औषधियों का समावेश है| तथा इसका निर्माण वेदिक मंत्र साधनाओं के माध्यम से किया गया है| अतः इसके सेवन विधि को ध्यन से पढ़ें ताकि आपको इसका लाभ अधिक से अधिक मिल सके| 

-- स्वस्थ रहना आपका जन्म सिद्ध अधिकार है –- 

1 - दिव्यशक्ति ग्रेन्युल - {आयुर्वेदिक औषधि} : नर्वस सिस्टम रीड की हड्डी के सभी इन बैलेंस चक्रों को जाग्रत व बैलेंस करने की उत्तम आयुर्वेदिक औषधि है| भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा स्वीकृत, ग्म्प सर्टिफाइड कंपनी द्वारा तैयार इस औषधि में 16 जीवन दायनी जड़ी - बूटियां के अलावा केसर, लौहभस्म, स्वर्णभस्म व मोती भस्म जैसी बहुमूल्य औषधियों का भी समावेश है| इसके लगातार इस्तेमाल से सभी ग्रन्थियां व सभी अंग सही ढंग से काम करने लगते है, और हार्मोन्स बैलेंस हो जाते है| और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है अतः इसके लगातार इस्तेमाल से शरीर में किसी भी तरह का रोग, बीमारी, व तकलीफ नहीं आती| 3 वर्ष से 100 वर्ष की उम्र तक रोज आधा चम्मच पाउडर और 3 वर्ष से अधिक उम्र वाले रोजाना एक चम्मच पाउडर खा सकते है| जो शरीर को पूरे दिन ले लिए आवश्यक विटामिन, मिनरल, व अन्य आवश्यक तत्व मिल जाते है| अतः इसे रोज इस्तेमाल करें| यह औषधि वैदिक मंत्रो द्वारा अभिमन्त्रित, भावों से भवित व प्रभु से प्रार्थना के बाद तैयार की जाती है| तथा आपके स्वास्थ की रक्षा के लिए हमारी संस्था के आश्रम में आपके नाम का स्वास्थ रक्षा पाठ भी होता है| ताकि आपका पूरा परिवार स्वस्थ रहे| यही हमारी कामना है| 

दिव्यशक्ति ग्रेन्युल इस्तेमाल की विधि -  

1/2 या 1 - चम्मच (टीस्पून) पाउडर ताजे हलके कुनकुने पानी या दूध के साथ, सुबह - शाम खाएं,इसके बाद एक घंटे तक कुछ भी न खाएं| 

नोट : 1. हर्बल टी का ही इस्तेमाल करें, दूध युक्त चाय न लें| 

         2. सीजनल फल और सलाद भरपूर खाएं| 


2 - परम शुद्ध उदर शोधक टैब्लेट - समस्त उदर का शोधन कर जठरागिन को प्रबल करता है| आतों की व समस्त उदर की सफाई कर पेट व आतों को नर्म रखता है| 

- परम शुद्धि उदर शोधक टैब्लेट का इस्तेमाल सप्ताह में एक बार शुद्ध व ताजे गरम जल के साथ १ टैब्लेट का इस्तेमाल| रत को सोते समय करें| 

- लगभग दो या चार घंटे बाद आपको शौच महसूस होगा| यदि पेट में ऐठन या मरोड़ उठे या उलटी जैसी महसूस होगा| तो घबराएं नहीं| आपकी आतों की सफाई हो रही है| गन्दा व बदबूदार मल बहार आएगा| और ऐसा लगभग दो या तीन बार होगा| हरेक बार शौच के बाद एक कप तजा पानी पी लें, 2 या 3 बार शौच आने पर घबराएं नहीं| 

- 2 - 3 बार दस्त आने के बाद जब आप को लगे की पेट व आतों की सफाई पूरी तरह हो गई है और शौच में पानी जैसा तरल आने लगे तो एक कप उबलता हुआ गरम पानी चाय की तरह घूँट घूँट करके पी लें| थोड़ी देर के बाद दस्त हो जाएगें| 

नोट : इस दिन नास्ते में कोई भी भरी वस्तु और दूध वाली चाय का सेबन न करें| भोजन में हल्का भोजन करें, जैसे मुंग की दाल, दलिया, खिचड़ी, सलाद, जूस आदि|

निषेध : गर्भवती महिलाएं, व बिस्तर पर पड़े लोग, ज्यादा काम जोर व अधिक दुबले पतले लोग हमारे डाँक्टर की सलाह के बाद ही परम शुद्धि उदर शोधक टैब्लेट का इस्तेमाल करें| विशेष नोट : कृपया जिस दिन परम शुद्धि उदर शोधक टैब्लेट का प्रयोग करे, उस दिन अन्य औषधियों का प्रयोग न करें| 


3 - अलौकिक शक्ति टैब्लेट - इसमें बहुमूल्य प्राकृतिक जड़ी - बूटियों के घटक / मिनरल के मिश्रण से तैयार अलौकिक शक्ति टैब्लेट शरीर के सभी चक्रो की व पॉज़िटिव - नेगेटिव श्रुवों को बैलेंस कर शरीर के सातो चक्रों से निकलने वाले अलग अलग रंगों से बने प्रकाश व ऊर्जा से बने प्राकृतिक चुंबकीय क्षेत्र में उपस्थित सभी तरह के वायरस को भी नष्ट करता है| जिससे शरीर का रक्त संचार बेहतर होता है, और नया खून बनने में मदद मिलता है| मेटबॉलिज़म लिक होने से डेटॉक्सिफिकेशन शुरू हो जाता है| सही चुंबकीय क्षेत्र हमारे शरीर की सभी तरह की ब्लॉकेज को खोलने में मदद करता है| इस का प्रयोग सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा, नजर उतारने आदि में किया जाता है| यह औषधि वैदिक रीती व विशेष मंत्रो के पाठ अनुष्ठान के साथ तैयार की जाती है| अलौकिक शक्ति टैब्लेट, खाने की विधि :- रोज रत एक टैब्लेट सोने से पहले गरम पानी के साथ लें| 


4 - रोग-प्रतिरोधक (कैप्सूल)- विशेष जड़ी बूटियों से तैयार यह औषधि हमारे शरीर में सांस के साथ रोजाना जाने वाली सभी तरह की हानिकारक गैसों, प्रदूषित वायु, तथा भोजन के साथ शरीर में जाने वाली मिलावट, हानिकारक कैमिकल, गैस, एसिड, वाइरस और आतों में चिपके बैक्टिरिया, फंगी व अन्य कीटाणुओं, विषाणुओं को खुरच कर शरीर से मल के द्वारा बहार निकाल देती है| और शरीर को विषाणु रहित बना कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाती है| 


5 - आहार-विहार ज्ञान - इस चार्ट के दी गई (खान-पान) पथ्य -अपथ्य की सभी जानकारियों को ध्यान से पढ़ें, और अपने शरीर को प्रकृति के अनुसार ही भोजन का चयन करें, तथा निषेध भोजन का त्याग करें| इसे पढ़ कर आहार-विहार का चिन्तन अवश्य करें| 


6 - दिन चर्चा एवं ऋतु चर्चा विज्ञान - आरोग्य की कामना  करने वाले बुद्धिमान व स्वस्थ व्यक्ति में द्वारा किए जाने वाले सदाचरण को "दिन चर्चा" कहते है| इसमें स्वस्थ व निरोगी जीवन जीने के सभी उपायों को निर्देशित किया गया है| इसे पढ़ें, चिंतन करें, और अपनाएं, विशवास दिलाता हूँ, आप स्वस्थ व निरोगी रहेंगे| 

7 - योग एवं ध्यान साधना - (DVD) 30 - मिनिट की योग एवं ध्यान साधना को नित्यप्रति करने से हमें भविष्य में कोई भी बीमारी या रोग नहीं होता, जिस तरह मुसलमान भाई हर रोज नमाज पढ़ने की वजह से बीमार नहीं होते इस तरह सभी धर्मो के लिए हमने यह 30 - मिनिट की साधना तैयार की है| इस DVD में कुछ के अन्य महत्वपूर्ण रोग निरोधक योगासनो के जानकारियां भी है| जिन्हें आप रोज सुने, देखें और करें|


8 - वैदिक मंत्र साधना एवं उपाय - (अलौकिक बीज मंत्र साधना पुस्तिका) इस पुस्तिका को अछि तरह पढ़े व समझें| तथा इस पुस्तक को अपने पूजा

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